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वयस्क लड़की अपनी मर्जी से अपना धर्म परिवर्तन और जीवनसाथी चुनने के लिए है स्वतंत्र

Deeksha Mishra

News Editor
Image Credit: Shortpedia

बुधवार को एक पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि अगर कोई वयस्क लड़की अपनी पसंद से शादी करती है और धर्म परिवर्तन का फैसला करती है या अपने पिता के घर लौटने से इनकार कर देती है तो ऐसे मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने बेटी के अपनी पसंद से शादी करने के खिलाफ याचिका दायर की थी।