छह महीने बाद सस्ती होने के बजाय महंगी हुईं कोरोना वैक्सीन
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उम्मीद थी कि उत्पादन बढ़ने से वैक्सीन की कीमतें घटेंगी। लेकिन छह महीने बाद भी सस्ती होने के बजाय कोरोना वैक्सीन महंगी हुईं। जनवरी में केवल जुलाई तक के लिए ही फार्मा कंपनियों के साथ सरकार ने कीमत तय की थी। उस दौरान कोविशील्ड की एक खुराक 200 और कोवाक्सिन की 206 रुपये कीमत तय हुई थी लेकिन अब नई कीमतों के तहत ये कीमत बढ़कर 205 और 215 हुई।