बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला,सरकार नहीं कर सकती प्रदूषित इलाके में रहने के लिए मजबूर
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बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने लोगो की एक सामूहिक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र सरकार किसी भी व्यक्ति को माहुल की आवासीय कॉलोनी में रहने को मजबूर नहीं कर सकती, तंसा पाइपलाइन के कारण अपने अनधिकृत घरों के गिराए जाने के बाद विस्थापित हुए लोगों को प्रदूषित क्षेत्र माहुल, जहां तेलशोधक और रासायनिक इकाइयां स्थित है वहां की एक आवासीय कॉलोनी में भेज दिया था|