हाईकोर्ट की टिप्पणी: दुपट्टा या हाथ खींचना, पीड़िता को शादी के लिए प्रपोज करना किसी प्रकार का यौन हमला नहीं
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि दुपट्टा खींचना, हाथ खींचना और पीड़िता को शादी के लिए प्रपोज करना पॉक्सो अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न नहीं माना जा सकता। एक मामले में, पीड़ित लड़की अगस्त 2017 में स्कूल से लौटते वक्त आरोपी ने उसका दुपट्टा खींचा और उसे शादी के लिए प्रपोज किया था। आरोपी को पोक्सो अधिनियम की धारा 8 और 12 के तहत भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।