केरल हाईकोर्ट की टिप्पणी: दंडनीय नहीं वैवाहिक बलात्कार, लेकिन तलाक का वैध आधार अवश्य
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केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि वैवाहिक बलात्कार हमारे देश में दंडनीय नहीं लेकिन ये तलाक का आधार बन सकता है। जस्टिस ए मोहम्मद मुस्तक और जस्टिस कौसर एडप्पागथ की खंडपीठ ने मैरिटल रेप के मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि ये पत्नी की स्वायत्तता पर हमला है। हालांकि, मैरिटल रेप अपराध नहीं माना जाता है, लेकिन यह एक पति के शारीरिक और मानसिक क्रूरता का परिचायक है।