SC की टिप्पणी: शक कितना भी पुख्ता क्यों न हो, लेकिन सबूत की जगह नहीं ले सकता
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जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने हत्या के मामले में आरोपियों को बरी करने के ओडिशा हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि शक चाहे कितना भी पुख्ता क्यों न हो, वो किसी सबूत की जगह नहीं ले सकता है। एक आरोपी तब तक निर्दोष माना जाता है, जब तक उसे वाजिब शक से परे दोषी साबित नहीं कर दिया जाता।