आरक्षण के लिए राज्य सरकारें तय नहीं कर सकतीं सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े- सुप्रीम कोर्ट
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की वो याचिका खारिज की जिसमें कोर्ट से पांच मई के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह था। फैसले के तहत, संविधान में 102वें संशोधन के बाद नौकरियों और दाखिलों के लिए सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की घोषणा करने की शक्ति राज्यों के पास नहीं है। जबकि केंद्र ने कहा कि राज्यों को अपने यहां निश्चित रूप से ऐसा करने का अधिकार है।