आज है बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष की 50वीं वर्षगांठ, दास्तां सुनने वालों के खड़े हो जाते रोंगटे
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बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष की आज 50 वीं वर्षगांठ है। छावनी स्थित मार्टियर्स होम के जांबाजों के परिजन जब दास्तां सुनाते हैं तो सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। 68 वर्षीय गोविंद भंडारी ने बताया कि शादी का एक साल भी नहीं बीता था कि बांग्लादेश में युद्ध छिड़ गया। पति कुंडल सिंह भंडारी युद्ध पर चले गए जंग में जख्मी होने के कारण उनके हाथ काट दिए गए।