वयस्क लड़की अपनी मर्जी से अपना धर्म परिवर्तन और जीवनसाथी चुनने के लिए है स्वतंत्र
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बुधवार को एक पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि अगर कोई वयस्क लड़की अपनी पसंद से शादी करती है और धर्म परिवर्तन का फैसला करती है या अपने पिता के घर लौटने से इनकार कर देती है तो ऐसे मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने बेटी के अपनी पसंद से शादी करने के खिलाफ याचिका दायर की थी।