जामिया हिंसा मामले में पुलिस के हलफनामे पर जवाब की भाषा पर तुषार मेहता ने जताई आपत्ति
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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जामिया हिंसा मामले में याचिकाकर्ताओं के जवाब को गैर-जिम्मेदाराना बताया। याचिकाकर्ताओं ने पुलिस द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे पर आपत्तियां जताईं। अब 13 जुलाई को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता नबीला हसन के शब्द थे- पुलिस को कानून तोड़ने की मंजूरी थी। संभावना है कि संसद के शांतिपूर्ण मार्च के लिए जामिया के बाहर जमा हुए छात्रों की बेरहमी से पिटाई और उनकी हड्डियां तोड़ने का आदेश गृह मंत्री ने दिया हो।