सुप्रीम कोर्ट ने कहा- समलैंगिकता अब अपराध नहीं
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सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अब दो वयस्क लोगों के बीच सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंध अपराध नहीं हैं। कोर्ट ने धारा 377 को मनमाना करार देते हुए व्यक्तिगत चुनाव को सम्मान देने की बात कही। वहीं जस्टिस रोहिंटन नरीमन के मुताबिक समलैंगिकता का फैसला संसद द्वारा पारित मेंटल हेल्थकेयर एक्ट पर आधारित है, ये मानसिक विकार नहीं है। साथ ही जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के मुताबिक गे, लेस्बियन, बाय-सेक्सुअल औऱ ट्रांस्जेंडर के लिए समान नागरिकता अधिकार हैं।