इस महिला की नहीं रही कोई जाति-धर्म, कमल हासन ने कही ये बात
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बतौर वकील तमिलनाडु के तिरुपत्तूर में प्रैक्टिस कर रही स्नेहा को आधिकारिक रूप से 'नो कास्ट, नो रिलिजन' सर्टिफिकेट मिल गया है। अब सरकारी दस्तावेज़ों में उन्हें जाति बताने या जाति प्रमाण पत्र लगाने की कोई ज़रूरत नहीं पड़ेगी। लंबे समय से जाति-धर्म से अलग होने के उनके इस संघर्ष की 5 फरवरी को जीत हुई। स्नेहा और उनके परिजन पहले से ही आवेदन पत्रों में जाति का जिक्र नहीं करते थे। वहीं अभिनेता कमल हासन ने स्नेहा के कदम को सराहा है।