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रेपो दर बढ़ने से एमएसएमई और खुदरा ग्राहकों पर पड़ा 68,625 करोड़ का बोझ

Kapil Chauhan

News Editor
Image Credit: housing

देश के कुल ऋणधारकों में से केवल 47% ही लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क से जुड़े हैं। इसका मतलब है कि जैसी ही आरबीआई की ब्याज दर बढ़ती है, ऋणधारकों का भी ब्याज बढ़ता है। एसबीआई ने ये रिपोर्ट जारी की। बैंक ने बताया कि 5 बार में 2.25% रेपो दर बढ़ी। इससे रिटेल और एमएसएमई ग्राहकों पर 68,625 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ा। वहीं, रेपो दर बढ़ने से सिस्टम की तरलता में कोई कमी नहीं आएगी।