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"किसी भी बुद्धिमान व्यक्ति पर निराधार आरोप लगाए जाएंगे, तो कोई भी जज क्यों बनना चाहेगा?"

Deeksha Mishra

News Editor
Image Credit: oneindia.com

भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने एक 3 सदस्यीय बेंच के साथ शनिवार को ख़ुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की सुनवाई की और इन आरोपों को ग़लत बताया. उन्होंने कहा कि मैं देश की जनता को बताना चाहता हूं कि न्यायापालिका की स्वतंत्रता को बहुत-बहुत गंभीर खतरा है. यदि किसी भी बुद्धिमान व्यक्ति पर इस तरह के निराधार आरोप लगाए जाएंगे तो कोई भी व्यक्ति जज के पद के लिए आगे नहीं आएगा.