सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- अब मानसिक अशक्त भी माना जाएगा संवेदनशील गवाह
Kapil Chauhan
News EditorImage Credit: Shortpedia
सुप्रीम कोर्ट ने किसी आपराधिक मामले में संवेदनशील गवाह की परिभाषा का दायरा बढ़ाया। इससे पहले इस श्रेणी में केवल 18 साल से कम उम्र के बच्चे थे। अब इसमें यौन उत्पीड़न के शिकार सभी आयु के लोग, मानसिक दिव्यांगता के शिकार, बोलने या सुनने में अक्षम, किसी अन्य दिव्यांगता से पीड़ित शामिल हैं। कोर्ट ने संवेदनशील गवाहों हेतू सभी जिलों में खास केंद्र स्थापित किए जाने की आवश्यकता बताई।