बेरोजगारी व कर्ज से अफगानिस्तानी बदहाल, 1500 डॉलर में लग रही शरीर के अंगों की बोली
Kapil Chauhan
News Editor
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तालिबान शासन आने के बाद अफगानिस्तान आर्थिक तौर पर पूरी तरह बदहाल हो गया है। बढ़ती बेरोजगारी और कर्ज के बोझ तले दबे परिवारों के पास बेचने तक के लिए कुछ नहीं बचा है। आलम ये है कि काफी लोग शरीर के अंगों का सौदा कर परिवार का पेट पालने को मजबूर हैं। 32 वर्षीय एक पीड़ित बताते हैं कि किडनी बेचने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है।